कम पानी पीने से लोगों में पथरी की समस्या सामने आती है. ऐसे में लोग प्राकृतिक में उपलब्ध जड़ी बूटियां का इस्तेमाल कर ऑपरेशन की परेशानियों से बच सकते हैं. आयुर्वेद में पथरी की समस्या के समाधान में पत्थरचट्टा के पत्ते का बेहद खास महत्व है. इसको लेकर आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर प्रभात कुमार ने इसके उपयोग करने के बेहतर तरीके की जानकारी साझा की है. ताकि कम समय में लोग इस पत्ते का इस्तेमाल कर पथरी की समस्या में राहत पा सकते है.
डॉ. प्रभात कुमार ने लोकल 18 से कहा कि पत्थरचट्टा को आयुर्वेद चिकित्सा में पाषाण भेद भी कहते हैं. जिसका मतलब पत्थर को भेदने वाला होता है. शरीर के 0.5 एमएल से 2.5 एमएल तक के पथरी को यह आसानी से पिघलाकर शरीर से बाहर कर देता है. इसकी पत्तियां स्वाद में खट्टी और नमकीन होती है. पत्थरचट्टा के पत्तों को पेट से विषक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है.