डायरिया (Diarrhoea)

सेंटर्स ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर डायरिया (Diarrhoea) 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होने वाले मौत का दूसरा प्रमुख कारण है। डायरिया मुख्य रूप से वायरस और बैक्टीरिया के कारण होता है। लगातार मल त्याग करना (Bowel movement), लूज स्टूल, मतली, पेट में ऐंठन और डिहाइड्रेशन इसके मुख्य लक्षण हैं। बारिश के मौसम में अक्सर डायरिया की समस्या बढ़ जाती है।

डायरिया क्या है? (what Is Diarrhoea?)

डायरिया को हिंदी में दस्त भी कहते हैं। यह पाचन तंत्र संबंधित एक विकार या डिसऑर्डर है। यह समस्या होने पर मल पानी की तरह पतला होता है। आंत से संबंधित यह रोग मुख्य रूप से रोटावायरस के कारण होता है। यह साल्मोनेला या ई. कोलाई जैसे जीवाणुओं के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा, हार्मोनल विकार (Hormonal disorders), आंतों मे सूजन (inflammatory bowel disease), कुछ दवाओं के सेवन से भी यह हो सकता है। यदि आप प्रॉपर हाइजीन बनाए रखने के साथ ही स्ट्रीट फूड खाने से बचें और साफ-स्वच्छ पानी पिएं, तो वायरस और बैक्टीरिया के कारण होने वाले डायरिया को रोका जा सकता है।

डायरिया के प्रकार (types Of Diarrhoea)

डायरिया को तीन मुख्य भागों में बांटा जा सकता है। उनमे शामिल हैं:

एक्यूट डायरिया (Acute diarrhoea): यह डायरिया का सबसे कॉमन रूप है, जिसमें काफी लूज और पानी जैसे पतला दस्त होता है। आमतौर पर, शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थों के जाते ही यह समस्या खुद ब खुद कम हो जाती है।

लगातार होने वाला डायरिया (Persistent diarrhoea): इस तरह का दस्त दो से चार सप्ताह तक रहता है।

क्रोनिक डायरिया (Chronic diarrhoea): इस तरह का डायरिया चार सप्ताह से भी अधिक समय तक आपको परेशान कर सकता है।

डायरिया के कारण (causes Of Diarrhoea)

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि डायरिया होने का मुख्य कारण वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। हालांकि, डायरिया होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD): आईबीडी आंतों में होने वाली एक समस्या है, जिसमें मल में खून आना जैसे दस्त के लक्षण पैदा कर सकता है। इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण आपकी बड़ी आंत और मलाशय (Rectum) के सबसे भीतरी लाइनिंग में अल्सर का कारण बनती है।

मालएब्जॉर्प्शन (Malabsorption): जब आपका पाचन तंत्र भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में विफल हो जाता है, तो आपको डायरिया के लक्षण (diarrhoea symptoms) नजर आ सकते हैं।

दवाएं (Medicines): लैक्सेटिव्स और अन्य दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स के सेवन से भी डायरिया हो सकता है।

हार्मोनल विकार (Hormonal disorders): हार्मोन से संबंधित किसी भी तरह की समस्या होने पर इर्रेगुलर बाउल मूवमेंट और अन्य डायरिया के लक्षण नजर आ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, जिन लोगों को एडिसन्स रोग (Addison’s disease) होता है, उनमें हार्मोन स्टेरॉयड का लेवल अपर्याप्त होता है। ऐसे में इन्हें डायरिया होने की संभावना अधिक रहती है।

डायरिया के लक्षण (symptoms Of Diarrhoea)

डायरिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। कारणों के आधार पर आपको डायरिया होने पर एक या इससे अधिक लक्षण नजर आ सकते हैं। डायरिया के कॉमन संकेत और लक्षण निम्न हैं:-

  • जी मिचलाना
  • पेट में मरोड़
  • लूज मोशन
  • सूजन
  • डिहाइड्रेशन
  • बुखार
  • मल में खून आना

शिशुओं में होने वाले डायरिया को नजरअंदाज करना गंभीर हो सकता है। यदि आपको बार-बार बाउल मूवमेंट, मतली और पेट में ऐंठन के साथ निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर्स से जरूर संपर्क करें:-

  • कम पेशाब होना
  • मुंह का सूखना
  • सिरदर्द
  • थकान
  • बुखार (102°फेरेनहाइट से अधिक)
  • मल में खून या मवाद आना
  • काला मल
  • चिड़चिड़ापन
  • सुस्ती, अधिक नींद आना
  • धंसी हुई आंखें

डायरिया का निदान (diagnosis Of Diarrhoea)

डायरिया होने पर निदान के लिए मेडिकल टेस्ट की जरूरत नहीं पड़ती है। इस समस्या को इसके लक्षणों के जरिए ही बहुत आसानी से पहचाना जा सकता है। हालाकि, कुछ टेस्ट के जरिए डायरिया होने के मुख्य कारणों का पता लगाया जाता है। ये टेस्ट इस प्रकार हैं:-

  • फास्टिंग ब्लड टेस्ट के जरिए यहा पता लगाने की कोशिश की जाती है कि कहीं आपको फूड इन्टॉलरेंस या एलर्जी के कारण तो यह समस्या नहीं हो रही।
  • आंतों में सूजन (inflammation) और संरचनात्मक असामान्यताओं (structural abnormalities) को देखने के लिए इमेजिंग टेस्ट की जाती है, खासकर उन लोगों में जिनकी स्थिति गंभीर या क्रोनिक है।
  • बैक्टीरिया, पैरासाइट्स या अन्य रोगजनकों (Pathogenes) की जांच के लिए स्टूल या यूरिन टेस्ट की जाती है।

डायरिया का इलाज (treatment Of Diarrhoea)

डायरिया का इलाज आपकी स्थिति की गंभीरता, डिहाइड्रेशन, उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। आमतौर पर, डायरिया से जल्दी उबरने के लिए द्रव प्रतिस्थापन (fluid replacemen) की आवश्यकता होती है, इसके लिए आपको अधिक से अधिक लिक्विड पदार्थ जैसे पानी और जूस लेना चाहिए। अधिक गंभीर मामलों में इंट्रावेनस इंजेक्शन के जरिए लिक्विड पदार्थों को शरीर में पहुंचाया जाता है। दवाओं के जरिए बाउल मूवमेंट को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है। यदि डायरिया बैक्टीरिया के कारण हुआ है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स खाने के लिए दे सकता है। यदि यह पाचन से संबंधित किसी समस्या के कारण हो रहा है, तो इलाज भी उसी आधार पर तय किया जाएगा।

डायरिया को कैसे करें कंट्रोल (how To Manage Diarrhoea)

आप जो कुछ भी खाते हैं, वह डायरिया के लक्षणों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चूंकि, इस समस्या के होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए खुद को जितना हो सके हाइड्रेटेड रखें। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और जूस का सेवन करें। इसके अलावा, डायरिया होने पर डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से बचें, क्योंकि इसे पचाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। फाइबर से भरपूर सब्जियां जैसे गोभी और बीन्स का सेवन ना करें, क्योंकि इससे पेट फूल सकता है। डायरिया के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे सोडा, चाय और कॉफी भूलकर भी ना लें। डायरिया में लो-फाइबर युक्त डायट लेना हेल्दी हो सकता है। आलू, व्हाइट राइस भोजन में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।

डायरिया की रोकथाम (prevention Of Diarrhoea)

कई ऐसे कारक या फैक्टर्स हैं, जिससे डायरिया होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, कुछ एहतियाती उपायों को अपनाकर आप इस संक्रमण से खुद को बचाए रख सकते हैं।

गुड हाइजीन: टॉयलेट से आने के बाद अपने हाथों को 20 सेकेंड तक साबुन और पानी से धोएं। इसके अलावा, खाना बनाने और खाने से पहले और बाद में भी अपने हाथों को साफ करना कभी ना भूलें।

टीका लगवाएं: डायरिया होने का मुख्य कारण है रोटावायरस। रोटावायरस वैक्सीन के जरिए डायरिया से बचा जा सकता है। यह वैक्सीन विभिन्न खुराकों में बच्चों (1 वर्ष) को दिया जाता है।

भोजन को सही तरीके से स्टोर करें: बचे हुए भोजन और अन्य खाने-पीने की चीजों को फ्रिज में रखें। खाने और पकाने से पहले कच्चे फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से पानी से धोएं। ऐसी कोई भी चीज न खाएं, जो खराब हो गई हो। डायरिया संक्रमण से बचने के लिए इन सभी फूड सेफ्टी उपायों को हमेशा फॉलो करें।

अपने खानपान के प्रति सावधान रहें: स्ट्रीट फूड्स और नल का पानी कीटाणुओं का मुख्य केंद्र होता है, जो डायरिया का कारण बन सकता है। बाहर खाने जा रहे हैं, तो किसी विश्वसनीय फूड ज्वॉइंट्स में ही जाएं। यात्रा के दौरान बॉटल का पानी ही पिएं। घर पर वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

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