डायबिटीज और पाइल्स का अचूक औषधि है ये लावारिस फल, एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है इसका कैरोटीन

मकोय में विटामिन सी, फोलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, विटामिन ए सहित कई पोषक तत्व इसमें पाए जाते हैं. इसमें पाया जाने वाला कैरोटीन एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है.

मतौर पर खरपतवार के तौर पर उगने वाला मकोय का पौधा जिसे रसभरी के नाम से भी जाना जाता है. यह जंगली फल स्वादिष्ट होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भरपूर होता है. पहले तो मकोय को खरपतवार के तौर पर ही देखा जाता था लेकिन अब किसान इसकी फसल भी उगाते हैं और किसानों को मकोय को खेती से अच्छी कमाई होती है.

मकोय का स्वाद आंवले की तरह तीखा और मीठा होता है. इसके अंदर के बीज टमाटर के बीज की तरह होते हैं. इसका स्वाद खट्टे फल के अलावा कुछ अनानास और चेरी जैसा रहता है. मकोय शरीर के लिए बेहद ही लाभकारी होता है. इसमें पाए जाने वाले विटामिन और मिनरल मधुमेह की बीमारी से निजात दिलाते हैं. इसके अलावा यह मोटापे को रोकने के साथ-साथ दिल की बीमारियों को भी दूर रखने में बेहद कारगर है.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात गृह विज्ञान की एक्सपर्ट डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि मकोय में विटामिन सी, फोलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, विटामिन ए सहित कई पोषक तत्व इसमें पाए जाते हैं. इसमें पाया जाने वाला कैरोटीन एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है. मकोय हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग के लिए कारगर दवा है. इतना ही नहीं इसमें पाए जाने वाले फाइबर की वजह से यह पेट के लिए बेहद फायदेमंद होता है.

मकोय की पत्तियों का लेप बनाकर सफेद दाग पर लगाने पर उससे निजात दिलाता है. मकोय के फल का चूर्ण बनाकर खाने से खांसी, हिचकी और सांस से संबंधित बीमारियों में राहत मिलती है.

मकोय की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है. भूख भी बढ़ती है. यह बवासीर जैसी गंभीर बीमारी में भी लाभ देता है. इसके अलावा इसकी पत्तियों का काढ़ा शरीर के अंदर की सूजन को दूर करता है. लीवर की सूजन और मधुमेह को नियंत्रित करता है. इसके अलावा यह बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है.

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